यह समाचार कोका वन्यजीव अभयारण्य में अवैध शिकार से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना को दर्शाता है। 10 अप्रैल 2019 को तत्कालीन वन रेंज अधिकारी सचिन जाधव और उनकी टीम ने धीवरवाड़ा में रवि वनवे के घर पर छापा मारा, जहां जंगली सुअर का मांस पकाया जा रहा था। पूछताछ में रवि वनवे और गणेश वनवे ने स्वीकार किया कि उन्होंने अन्य नौ लोगों की मदद से इस जंगली सुअर का शिकार किया था।
वन अधिकारियों ने सभी आरोपियों के खिलाफ वन अपराध का मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया। जांच के दौरान वनपाल हत्तीमारे, आगलावे, वनरक्षक कदम, नागरगोजे और हंबुले ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। तत्कालीन सहायक वन संरक्षक राजेंद्र सदगीर ने आरोपियों के बयान दर्ज किए थे।
मोहाड़ी की अदालत ने न्यायाधीश बी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में मामले की सुनवाई की और सभी आरोपियों को दोषी ठहराया। अदालत ने सभी पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया और कार्यवाही स्थगित होने तक कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में सहायक सरकारी अभियोजक प्राची महाकाल ने सरकार की ओर से पक्ष रखा।
यह फैसला वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रशासन की सख्ती और अवैध शिकार के खिलाफ कड़ा संदेश देने का संकेत देता है।