आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रबंधन ने 18 कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इन कर्मचारियों को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। आरोप है कि इन कर्मचारियों ने टीटीडी के आदेशों के खिलाफ जाकर काम किया और मंदिर की पवित्रता के मानकों का उल्लंघन किया।
टीटीडी ने इन 18 कर्मचारियों के सामने दो विकल्प रखे हैं। या तो वे किसी दूसरे सरकारी विभाग में ट्रांसफर ले लें, या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लें। यह कदम मंदिर की पवित्रता बनाए रखने और कार्यस्थल पर अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। टीटीडी के बयान के अनुसार, यह कार्रवाई टीटीडी अध्यक्ष बीआर नायडू के निर्देश पर की गई है
टीटीडी के मुताबिक, इन कर्मचारियों को संस्थान में काम करते हुए गैर-हिंदू धार्मिक प्रथाओं का पालन करते हुए पाया गया। इसके चलते इन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है। अध्यक्ष बीआर नायडू ने बताया कि 1 फरवरी को आयोजित बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति मिली थी।
टीटीडी, जो 12 प्रमुख मंदिरों का रखरखाव करता है, में लगभग 14,000 कर्मचारी काम करते हैं। इस कदम से यह स्पष्ट किया गया है कि संस्थान में केवल हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काम करना अनिवार्य है।

टीटीडी ने इस कदम को मंदिर की पवित्रता और धार्मिक परंपराओं को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बताया है, ताकि किसी भी प्रकार का धार्मिक भेदभाव या असहमति कार्यस्थल पर न हो।