पुलिस के सामने अब निर्माण हो गई कई चुनौतियां
भंडारा: तुमसर तहसील के चिखला निवासी चार वर्षीय नील चौधरी बुधवार, 1 जनवरी को अपने घर के आंगन से खेलते समय अचानक लापता हो गया. शनिवार, 4 जनवरी को दोपहर 1.13 बजे के दौरान आरक्षित वन क्षेत्र में नील सुरक्षित मिल गया. वन विभाग और पुलिस की एक खोजी टीम ने नील को एक जंगली पहाड़ी पर एक गड्ढे में बैठा पाया. पिछले तीन दिनों से पुलिस और वन विभाग की टीमें उसकी तलाश हरसंभव जगह कर रही थीं. आखिरकार जब वह मिला तो परिवार और प्रशासन ने राहत की सांस ली हैं. नील के सुरक्षित पाए जाने की पुष्टि होते ही जिला प्रशासन का पूरा तंत्र मौके पर पहुंच गया. लगातार तीन दिनों तक जंगल, पहाड़ियों की खाक छानने के बाद नील निकट ही जंगली पहाड़ी पर पाया गया. एक बड़ा आश्वर्य है कि चिखला में आरक्षित वन के दूसरे छोर पर नील लगातार तीन रातों और दो दिनों तक बिना भोजन या पानी के कैसे रहा. मौके से नील को अपने साथ लेते हुए जब वन कर्मियों ने उससे सहजता से पूछताछ की तो उसने बताया कि आज सुबह उसने चाय के साथ रोटी खाई. उसके पास से चॉकलेट भी बरामद हुई.नील का इस तरह से मिलना बेहद सुखद है, लेकिन इसके पीछे कई अनुत्तरित सवाल हैं. उसकी हालत से यह आशंका जताई जा रही है कि नील को किसी ने वहां लाकर छोड़ दिया होगा. गोबरवाही पुलिस थाने की सीमा के भीतर अतीत में जादू टोना की गंभीर घटनाओं को देखते हुए, क्या नर बलि के लिए नील का अपहरण किया जा सकता है? ऐसा संदेह सार्वजनिक चर्चा के माध्यम से व्यक्त किया जा रहा है. लेकिन अब पुलिस की जांच की दिशा बदल सकती है. गुप्त धन की तलाश में तंत्र-मंत्र करने वालों का गिरोह जनवरी की शुरुआत में सक्रिय होता है. अतः इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि नील के अपहरण की यह एक वजह भी हो सकती है. नील के लापता होते ही वन विभाग और पुलिस विभाग अलर्ट हो गया और तुरंत तलाशी अभियान चलाया. प्रारंभिक अनुमान है कि नील को डर के कारण रिहा किया गया होगा. इस दौरान पुलिस अधीक्षक नूरुल हसन ने घटनास्थल का जायजा लिया और नील से मिलने अस्पताल पहुंचे. नूरुल हसन ने बताया की पुलिस और वन विभाग की टीम ने नील को बहुत ढूंढा. खोज अभियान में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया. नील वहां तक कैसे पहुंचा यह अभी खोज का विषय है. क्राइम ब्रांच की टीम मामले की तफतीश कर रही है.
