गोबरवाही से सीतासावंगी मार्ग हुआ खस्ताहाल
गोबरवाही से सीतासावंगी मार्ग जो की एक ओर सिहोरा राष्ट्रीय महामार्ग तो दुसरी ओर चिखला मायल कंपनी मैंगनीज खदान को जोडता है इस मार्ग पर मायल कंपनी से रोजाना पचास ते साठ ट्रक से सैकडो टन मॅग्नीज का यातायात होता है, तो दुसरी ओर सिहोरा तिरोडा गोंदिया एवं चांदपूर पर्यटन स्थल एवं चांदपूर धार्मिक स्थल कि ओर से रोजाना सैकडो वाहनो से राहगीरो,पर्यटको,एवं श्रद्धालुओं का आवागमन होता है.
कब जागेगा कुंभकर्णी नींद मे डूबा शासन प्रशासन
जिस कारण इस मार्ग पर काफी बडे बडे और बहुत ज्यादा गड्डे हो गये है साथ ही इस मार्ग पर इतनी व्यस्ततम यातायात होने के बावजुद सडक काफी छोटी है.जिस वजह से एक चौपहिया वाहन को ही पुरी सडक लग जाती है जिस कारण इस गोबरवाही से सीतासावंगी के बीच गुजर रहे मार्ग पर काफी दुर्घटनाए होती रहती है.जहा बिते एक से देड वर्ष के भीतर ही इस तीन किलोमीटर लंबे मार्ग मे ही अलग अलग दुर्घटना मे चार से पाच राहगीरो को सडक की जर्जरता एवं सडक कि कम चौडाई के वजह से जान गवाना पडा.
गौरतलब हो की क्षेत्र के जिल्हा परिषद सदस्य कृष्णकांत बघेल तथा क्षेत्र के पंचायत समिती सदस्य नरेंद्र गेडाम द्वारा इस सडक कि बदहाली पर बार बार मुद्दा उठाया गया जिसके कारनं एक वर्ष पुर्व सडक पर प्याचेस लगाने का काम किया गया जो कि काफी निकृष्ट दर्जे का होने के कारण सडक कि हालत और खस्ताहाल हो गई.
इस संदर्भ पर पूछे जाने पर क्षेत्र के पंचायत समिती सदस्य नरेंद्र गेडाम ने बताया कि इस मार्ग को लेकर उन्होने सांसद मेंढे एवं आमदार कारेमोरे तथा PWD विभाग को ज्ञापन भी दिया साथ ही वे जबसे पंचायत समिती तुमसर में सदस्य के रूप मे आसिन हुए तबसे लगभग अपनी हर मासिक सभा मे इस सडक का मुद्दा उठाया साथ ही यहा होने वाले दुर्घटनाओ से अवगत भी कराया लेकिन शासन प्रशासन की कुंभकर्णी निंद के आगे वो बेबस हो गए .
आने वाले समय मे इस मार्ग को पुन: नये सिरे से काम नही कराया गया तो वे क्षेत्र कि जनता के साथ चक्काजाम आंदोलन भी करेंगे