भंडारा, अनुसुचित जातियों के उपवर्गीकरण (सब-कैटेगरी) के निर्णय के विरोध में और संविधानिक आरक्षण की रक्षा की मांग को लेकर शुक्रवार को भंडारा शहर में एक अभूतपूर्व आक्रोश मोचां निकाला गया. दशहरा मैदान से प्रारंभ हुए मोर्चे में जिले के विभिन्न संगठनों से जुड़े हजारों नागरिक, महिलाएं, विद्यार्थी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए, हाथों में तख्तियां, बैनर और संविधान बचाने के नारे लिए मोर्चे में शामिल लोग आरक्षण बचाओ-संविधान बचाओ” का दृढ़ संकल्प व्यक्त कर रहे थे. दशहरा मैदान से से प्रारंभ होकर मोचों शास्त्री चौक, पोस्ट ऑफिस चौक और मुख्य बाजार मार्ग से होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा, जहां इसका समापन सभा के रूप में हुआ. सभा में वक्ताओं ने अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण के निर्णय को तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि यह निर्णय समाज की एकता के लिए घातक है. उन्होंने और देकर कहा कि संविधानिक आरक्षण की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है.
कलेक्टर को निवेदन
सभा के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को मांगों का प्रस्ताव सौंपा गया. प्रस्ताव में प्रमुख रूप से अनुसूचित जातियों में उपवर्गीकरण का निर्णय तुरंत रद्द किया जाए, इस संदर्भ में गठित समिति को भंग किया जाए. संसद में कानून बनाकर सर्वोच्च न्यायालय के उपवर्गीकरण संबंधी निर्णय को बदला जाए, अनुसूचित जातियों में विभाजन किए बिना शिक्षा और सामाजिक विकास के लिए ठोस नीति तैयार की जाए. बी.टी. एक्ट 1949 को रद्द कर महाबोधि महाविहार बौद्ध समाज के अधीन किया जाए सहित अनेक मांगें शामिल है. मोर्चे का आयोजन भारतीय बौद्ध महासंघ, बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया, समता सैनिक दल, बामसेफ, रिपब्लिकन सेना, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, बंचित बहुजन आभाड़ी, बहुजन रिपब्लिकन पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, पीआरपी, बुद्ध विहार समन्वय समिति, कास्टाईन कर्मचारी कल्याण महासंप, बुद्धिस्ट समाज संघर्ष समिति, महामाया महिला सामाजिक न्याय संघ, सम्राट अशोक सेना, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सोशल फोरम, बुद्ध उपासक उपासिका संध और भीमशक्ति संगठन ने किया



