येलो अलर्ट घोषित, तूफानी बारिश संभव
भंडारा, भारतीय मौसम विभाग ने पूर्व विदर्भ क्षेत्र के लिए अगले तीन दिनों 28 से 30 अक्टूबर तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. इस अवधि में कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ तूफानी बारिश होने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि भारी वर्षा के कारण कुछ इलाकों में नुकसान हो सकता है. जलजमाव, पेड़ गिरने और बिजली गिरने जैसी घटनाएँ भी संभव हैं. भंडारा जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी अभिषेक नामदास ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो जारी करते हुए नागरिकों और किसानों से सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आने वाले तीन दिनों में मौसम में अचानक परिवर्तन देखने को मिल सकता है, इसलिए लोग सावधानी बरतें. मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की
खाड़ी में सक्रिय नमी युक्त हवाओं के टकराव के कारण पूर्व विदर्भ के अन्य जिलों के साथ ही भंडारा जिले में तीव्र वर्षा की स्थिति बन सकती है. लगातार हो रही बारिश ने पहले से ही किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस साल मानसून की शुरुआत से ही जिले में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. कई क्षेत्रों में खेतों में पानी भर जाने से धान, अन्य फसलें और सब्जियां बर्बाद हो गई है और सड़ चुकी हैं. खेतों में लबालब पानी भर जाने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया
है. अब जब फिर से तूफानी बारिश की चेतावनी जारी हुई है, इससे किसानों की चिंता दोगुनी हो गई है. स्थानीय किसान बताते हैं कि बारिश से खेतों में न सिर्फ फसलें नष्ट हो रही हैं, बल्कि अगली बुआई की संभावना भी खत्म होती जा रही है. किसानों ने प्रशासन से बिजली गिरने से सुरक्षा के उपाय और फसल बीमा की त्वरित प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है. प्रशासन की ओर से नागरिकों को सलाह दी गई है कि सावधानी बरतें. किसानों को खेत में, फसल को लेकर सतर्क रहने को कहा गया है.
वाहन चालक सावधान रहें : वाहन चालकों को भारी बारिश के दौरान सावधानी बरतने, और ग्रामीणों को पुराने या जर्जर मकानों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं. भंडारा जिला प्रशासन ने कहा है कि सभी राजस्व अधिकारी, ग्राम पंचायतें और
किसानों की उड़ी नींद
इस वर्ष का मानसून भंडारा जिले के लिए अब तक भारी साबित हुआ है. लगातार बारिश, खेतों में पानी घुसने, फसल नुकसान और अब नया तूफानी अलर्ट इन सबने किसानों और नागरिकों की नींद उड़ा दी है. ऐसे में प्रशासन और नागरिकों दोनों के लिए यह आवश्यक है कि वे आने वाले दिनों में सतर्कता और सावधानी बरतें ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि या नुकसान से बचा जा सके.
आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं. किसी भी आपात स्थिति में त्वरित राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण कक्ष को सक्रिय किया गया है.



