भंडारा के जिला सामान्य अस्पताल में एक बार फिर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. मेंढा, भंडारा निवासी एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए भर्ती करने के बाद अस्पताल कर्मियों ने इलाज से इनकार कर दिया. परिणामस्वरूप परिजनों को मजबूर होकर महिला को निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां उसका सिजेरियन (सीजर) ऑपरेशन के माध्यम से सुरक्षित प्रसव हुआ. सवाल है कि इस हालात में गरीब कहां जाए.
जिल्हा सामान्य रुगणालय
जानकारी के अनुसार, मेंढा निवासी अनु उर्फ अनुसूया अनिल गायधने (30) को 26 अक्टूबर की दोपहर करीब 3 बजे प्रसव पीड़ा शुरू होने पर जिला अस्पताल, भंडारा में भर्ती कराया गया. परिजनों के अनुसार, भर्ती के दौरान महिला का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था और उसके
शरीर पर कुछ दाग-धब्बे दिखाई दे रहे थे. इसी आधार पर अस्पताल कर्मियों ने यह कहते हुए प्रसव कराने से इनकार कर दिया कि इससे अन्य मरीजों को संक्रमण (इन्फेक्शन) हो सकता है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने न केवल इलाज से मना किया, बल्कि उन्हें महिला को तत्काल अस्पताल से बाहर ले जाने को कहा. इस व्यवहार से परिजन स्तब्ध रह गए और उन्होंने मजबूरी में एक निजी अस्पताल में महिला को भर्ती कराया.



