पुणे . तेंदुए का सीधे खेतों के साथ-साथ घरों तक पहुंचने से पुणे के जुनर, आंबेगांव, शिरूर और खेड इलाकों के ग्रामीण दहशत में रह रहे हैं. इस क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या 1,200 तक 5,000 नागरिकों पर हमले किए हैं. अब और कितने बलिदानों का इंतजार करना है, यह सवाल उठाते हुए ग्रामीण सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. दूसरी ओर, कबूतरों के बारे में बैठकों को रोककर हमारे बच्चों की जान बचाने की मांग सांसद अमोल कोल्हे ने की है. इस बीच, पुणे जिले में तेंदुओं का बंदोबस्त करने के लिए राज्य सरकार ने सीधे तेंदुओं की नसबंदी का विकल्प चुना है. इसके लिए एक प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा. हालांकि, तेंदुओं की नसबंदी के इस निर्णय पर वन्यजीव विशेषज्ञों ने आपत्ति जताई है. तेंदुए और मनुष्य के बीच यह संघर्ष दिन-ब-दिन चरम पर पहुंच रहा है.
पहुंच गई है और अब तक तेंदुओं ने पुणे के ग्रामीण 54 लोगों की जान ले ली है, जबकि इलाकों में दहशत
