उपेक्षा से भड़के गोसीखुर्द के प्रकल्पग्रस्तों ने सांसद विधायक के समक्ष बुलंद की आवाज
दोनों नेताओं से समस्यायें सुलझाने का मिला आश्वासन
भंडारा
गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों की विभिन्न मांगों को लेकर 6 अक्टूबर से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने उनका ‘आर पार स्थायी आंदोलन’ आंदोलन शुरू है। शनिवार, 10 अक्टूबर को सांसद डॉ प्रशांत पडोले एवं विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने आंदालनकर्ताओं के पंडाल में भेंट दी। साथ ही उनकी
समस्याएं सुलझाने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व 7 अक्टूबर को जब आंदोलक महिलाएं पेड़ पर चढ़ी थी तब उपजिलाधिकारी लीना फालके ने 12 अक्टूबर को पालकमंत्री से भेंट का लिखित पत्र आंदोलनकारियों को दिया था, किंतु 11 अक्टूबर को रात के 7 बजे तक पालकमंत्री से चर्चा का अधिकृत समय एवं वैसा पत्र आंदालकों को नहीं मिला। ऐसी भावनाएं संघर्ष समिति के भाऊ कातोरे ने दी।
आंदोलनकर्ताओं की प्रमुख मांगों में अंशतः प्रभावित गावों का पुनर्वास, बढ़ोतरी हुए परिवार को
प्रति घर 10 लाख रुपए और कृषि के लिए 5 लाख रुपए प्रति एकड़ का अतिरिक्त वित्तीय मुआवजा दिया जाना चाहिए। प्रस्तावित 21 हजार 184 अतिरिक्त परिवारों
को कृषि मजदूरी दर 312 रुपये प्रतिदिन के अनुसार दो हजार दिनों के लिए 6 लाख 24 हजार रुपये दिए जाएं। इन अतिरिक्त परिवारों को शेष | पेज 16 पर
अब तक नहीं मिला पालकमंत्री का पत्र
7 अक्टूबर को जिला प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार 12 अक्टूबर को पालकमंत्री डा. पंकज भोयर प्रकल्पवास्त संघर्ष समिति के आंदोलकों से चर्चा करने वाले है। ऐसा बताया गया था किंतु 11 अक्टूबर को रात 7 बजे तक वैसा कोई प्रशासन ने नहीं दिया है। पिछली बार भी सालेबर्डी खैरी में प्रतीक्षारत प्रकल्पग्रस्तों से पालकमंत्री बिना मिले चले गए थे। भाऊ कातोरे, गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति, भंडारा