भंडारा: दिव्यांग व्यक्तियों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सरकार की ओर से संजय गांधी निराधार अनुदान योजना और श्रवणबाल सेवा राज्य निवृत्ति पेंशन योजना जैसी योजनाएं चलाई जाती है. लेकिन इन योजनाओं की सख्त शर्ते और नियमित पेंशन न मिलने के कारण लाभार्थियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. फरवरी माह से आभार पंजीकरण और दस्तावेजी पुनःपंजीकरण के लिए लाभार्थियों को बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. संजय गांधी निराधार अनुदान योजना के तहत 18 से 65 वर्ष के आयु वर्ग के निराधार पुरुष और महिलाएं, अनाथ बच्चे, दिव्यांगजन, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग, विधवा, तलाकशुदा महिलाएं, अत्याचार पीड़िता, तीसरे लिंग के व्यक्ति, देवदासी, 35 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाएं, जेल में बंद कैदियों की पत्नियां और सिकलसेल पीड़ित व्यक्तियों को प्रति माह 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. वहीं श्रवणबाल सेवा राज्य निवृत्ति पेंशन योजना के अंतर्गत 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे बरिष्ठ नागरिको को हर महीने 1,500 रुपये की पेंशन दी जाती है, जिसमें से 1,300 रुपये राज्य सरकार और 200 रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं.
जिले में लाभार्थियों की संख्या 1,03,2111: भंडारा जिले में अवगमाल योजना के 54,510 लाभार्थी और संजय गांधी योजना के 48,701 लाभार्थी हैं. दोनों योजनाओं के कुल लाभार्थियों की संख्या 1,03,211 है. फरवरी से इन सभी योजनाओं की पेंशन डीबीटी प्रणाली से सीधे आधार से लिंक बैंक खातों में जमा की जा रही है. इसके लिए लाभार्थियों से जरूरी दस्तावेज तहसील कार्यालय के संजय गांधी योजना विभाग में जमा करने की विशेष मुहिम चलाई गई थी. कई लाभार्थियों को पिछले तीन-चार महीनों से पेंशन नहीं मिली है, जिससे उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.