वॉशिंगटन: अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन चीन नहीं, बल्कि उसका अगला निशाना कोई और है. और इसका खुलासा व्हाइट हाउस के लीक हुए गुप्त दस्तावेजों से हुआ है, जिसने पूरी दुनिया में में हलचल मचा दी है. दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक बड़े हमले की योजना बनाई थी, जो लीक हो गई. इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद विपक्षी डेमोक्रेट सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया है और इसकी गहराई से जांच की मांग की है. ‘द अटलांटिक’ मैग्जीन के एडिटर-इन-चीफ जेफरी गोल्डबर्ग का दावा है कि 13 मार्च को उन्हें मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर एक रहस्यमयी ग्रुप से जुड़ने का निमंत्रण मिला. इस ग्रुप का नाम “हूती पीसी स्माल ग्रुप” था, जिसे अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज ने बनाया था. इस ग्रुप में व्हाइट हाउस के कई टॉप अधिकारी शामिल थे, जिनमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, सीआईए डायरेक्टर जॉन रेटक्लिफ और दूसरे उच्च अधिकारी भी थे. गोल्डबर्ग के मुताबिक, 15 मार्च को अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इसी ग्रुप में हूती विद्रोहियों पर हमले की विस्तृत योजना साझा की. इसमें बताया गया था कि हमला कहां और कैसे किया जाएगा, कितने हथियार तैनात होंगे, और ऑपरेशन किस तरह से अंजाम दिया जाएगा.
व्हाइट हाउस की सफाई और ट्रंप का जवाब
वॉर प्लान लीक होने के बाद ट्रंप सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. इसे राष्ट्रीय सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना जा रहा है. हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को इससे अलग कर लिया. उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है. और वैसे भी, मैं ‘द अटलांटिक’ का कोई खास फैन नहीं हूं, वहीं, नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने स्वीकार किया कि लीक हुई चैट असली है.