महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने एकनाथ शिंदे सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है। पहले की सरकार ने शपथ पत्र के लिए स्टाम्प ड्यूटी 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी थी, लेकिन अब फडणवीस सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए शैक्षणिक कार्यों के लिए लगने वाले शपथ पत्रों पर स्टाम्प शुल्क पूरी तरह से माफ कर दिया है।
छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत
इस निर्णय से महाराष्ट्र के लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों को सीधा लाभ मिलेगा। अब किसी भी शैक्षणिक प्रमाणपत्र या प्रवेश प्रक्रिया के दौरान आवश्यक शपथ पत्रों पर कोई स्टाम्प शुल्क नहीं लगेगा।
राजस्व मंत्री की घोषणा
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को इस निर्णय की घोषणा की और इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा स्टाम्प शुल्क को 100-200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये किए जाने से छात्रों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा था। इसलिए, मौजूदा सरकार ने छात्रों की कठिनाइयों को देखते हुए यह शुल्क पूरी तरह खत्म करने का फैसला लिया है।
सरकार का उद्देश्य
भाजपा नीत महायुति सरकार ने यह निर्णय छात्रों को आर्थिक राहत देने और शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से लिया है। इस फैसले से विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र लाभान्वित होंगे।
इस कदम को आगामी चुनावों के मद्देनजर छात्रों और युवाओं के लिए एक सकारात्मक निर्णय माना जा रहा है, जो सरकार की जनहितैषी नीतियों को दर्शाता है।