दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में भर्ती के बदलते रुझानों के क्रम में कम से कम चार पुराने आईआईटी संस्थानों ने हाल के वर्षों में अपने कैंपस प्लेसमेंट प्रतिशत में गिरावट देखी है. सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि स्वतंत्र रूप से नौकरी पाने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है. यह रुझान बदलते तकनीकी परिदृश्य, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और गतिशील नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धा करने वाले आईआईटी स्नातकों की बढ़ती संख्या की पृष्ठभूमि में सामने आए हैं. ऐसे में आईआईटी दिल्ली ने 31 दिसंबर, 2024 तक 1,885 पंजीकृत छात्रों के मुकाबले 2024-25 के मौजूदा प्लेसमेंट सीजन में अपने 1,147 या 61 प्रतिशत छात्रों को नौकरी दिलाने में कामयाबी हासिल की है. यानी 738 छात्र बिना नौकरी के रह गए हैं. यही नहीं, नवंबर 2024 में, आईआईटी छात्र को दिया जाने वाला वार्षिक पैकेज 4 लाख रुपये प्रति वर्ष था.