यह घटना ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों का एक उदाहरण है, जिसमें धोखेबाज भावनात्मक कहानियों का सहारा लेकर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की सतर्कता और उनके सहायक की मुस्तैदी के कारण यह ठगी नाकाम रही।
घटना के अनुसार, मंत्री को फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के शिरडी का शिक्षक बताया और कहा कि उसके स्कूल के विद्यार्थियों की गाड़ी गोंदिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। उसने घायलों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग की। मंत्री ने स्थिति की पुष्टि के लिए गोंदिया में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क किया।
इसके तुरंत बाद, फोन करने वाले ने अपना बयान बदलते हुए दावा किया कि दुर्घटना भंडारा में हुई है और बच्चों को मुंबई के जेजे अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई है। मंत्री को संदेह हुआ क्योंकि भंडारा के नजदीक नागपुर में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इस घटना से स्पष्ट होता है कि ठग लोगों की भावनाओं का फायदा उठाकर ऑनलाइन माध्यम से धन ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सतर्क रहना आवश्यक है और किसी भी संदिग्ध कॉल की पहले जांच करनी चाहिए।