मुंबई : हाल ही में जब रतन टाटा की वसीयत खोली गई, तो बहुत कम लोग इस बात के लिए तैयार थे कि कितना बड़ा झटका लगने वाला है. अपेक्षित लाभार्थियों और सामान्य परोपकारी प्रतिबद्धताओं के बीच एक नाम सबसे अलग था मोहिनी मोहन दत्ता. इस करोड़ रुपये से अपेक्षाकृत अज्ञात अधिक की जमशेदपुर के एक चौंका देने वाली उद्यमी को 500 करोड़ राशि दी गई है रुपये से अधिक की चौंका देने वाली राशि दी गई है. टाटा के वफादारों के अंदरूनी सर्किल में भी दत्ता के शामिल होने से लोगों में हैरानी है. बार-बार यह सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर यह व्यक्ति कौन है? रतन टाटा के जीवन में उनकी क्या भूमिका थी? वे भारत के सबसे सम्मानित कारोबारी की विरासत के सबसे आश्चर्यजनक उत्तराधिकारियों में से एक कैसे बन गए?