दिल्ली : लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आए थे, जिसका नाम इंडिया गठबंधन दिया था. गठबंधन ने 2024 के चुनाव में भाजपा के पसीने छुड़ा दिए थे. इसका नतीजा रहा है कि भाजपा बहुमत के आंकड़े से दूर हो गई थी और पीएम मोदी को तीसरी बार सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों की बैसाखी का सहारा लेना पड़ा. लोकसभा चुनाव में भाजपा की टेंशन बढ़ा देने वाला इंडिया गठबंधन दिल्ली चुनाव में बिखरा हुआ नजर आया. कांग्रेस पूरी तरह अलग-थलग पड़ गई थी लेकिन फिर से इंडिया गठबंधन के सुर बदलने लगे हैं. दिल्ली चुनाव में टीएमसी से लेकर सपा, आरजेडी, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) तक ने कांग्रेस से दूरी बना ली थी और सभी अरविंद केजरीवाल को जिताने की मशक्कत भी करते नजर आए. वहीं, दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के आक्रामक तरीके से उतरने और प्रचार करने ने इंडिया गठबंधन को लेकर तमाम सवाल खड़े कर दिए थे. इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि क्या इंडिया गठबंधन खत्म हो गया? अखिलेश यादव का केजरीवाल के साथ दिल्ली चुनाव में प्रचार करना और समर्थन देने के बाद कहा जाने लगा कि क्या कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई, मोदी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का ऐलान करने वाला इंडिया गठबंधन पूरी तरह बिखर गया है.