दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख तय की है। इस याचिका में उन्होंने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।
सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एक जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें उन पर शराब निर्माता कंपनी डियाजियो स्कॉटलैंड की व्हिस्की की शुल्क मुक्त बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने में मदद करने का आरोप लगाया गया है। एजेंसी का आरोप है कि कार्ति ने इस प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए कथित अनियमितताएं कीं।
बृहस्पतिवार को हुई सुनवाई के दौरान, कार्ति चिदंबरम के वकील ने अदालत को बताया कि उनके जिरह करने वाले वकील उपलब्ध नहीं हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति विकास महाजन ने मामले की सुनवाई 16 अप्रैल तक टाल दी। कार्ति चिदंबरम ने अपनी याचिका में दावा किया है कि यह प्राथमिकी अवैध तरीके से अत्यधिक देरी के बाद दर्ज की गई है। उन्होंने इसे “राजनीतिक और शासन के प्रतिशोध से प्रेरित” करार दिया।
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद के खिलाफ यह चौथा मामला है, जो 2018 में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्रारंभिक जांच से जुड़ा हुआ है। इससे पहले भी उन पर कई मामलों में आरोप लग चुके हैं, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले शामिल हैं। अब यह देखना होगा कि अदालत इस याचिका पर क्या निर्णय लेती है और क्या सीबीआई की कार्रवाई को सही ठहराया जाता है या नहीं।
