अमरावती : धूलघाट रेलवे वन क्षेत्र के केकदाखेड़ा गांव के पास जंगल से हर सुबह बाघ की दहाड़ सुनाई देती है. आदिवासी बहुत डरे हुए हैं और टाइगर प्रोजेक्ट ने इस बाघ का बंदोबस्त करने की मांग नागरिकों ने की है.
उल्लेखनीय है कि 7 वर्ष पहले एक बाघ ने इस गांव की एक लड़की बास्की डावर (7) पर हमला कर उसे घायल कर. इसलिए ग्रामीण अज्ञात बाघ के भय से ग्रसित हैं. धारणी से 19 किलोमीटर दूर केकड़ाखेड़ा गांव के आसपास पिछले तीन दिनों से रात और सुबह के समय बाघ घूमते देखे जा रहे हैं. केकडाखेड़ा गांव के कई निवासी गांव के पास घूम रहे बाघ की दहाड़ सुनकर भयभीत हैं. अकोट वन्यजीव विभाग के वन अधिकारी सतीश अकोटे ने भी घटना की पुष्टि की है. सरकार ने पुनर्वास के लिए गांव को तीन बार ध्वस्त कर दिया था. अंततः ग्रामीणों द्वारा उच्च न्यायालय में अपील करने तथा गांव को मान्यता मिलने के बाद ही केकडाखेड़ा धारणी पंस इसे रिकार्ड किया गया. सात-आठ साल पहले एक बाघ ने बास्की राजू डावर (7) नामक एक लड़की को घायल कर दिया था, जो सुबह-सुबह गांव के एक घर में सो रही थी. अब जब बाघ एक बार फिर गांव के पास घूमता हुआ दिखाई दिया है तो आदिवासी काफी डरे हुए हैं. वनविभाग ने बाघ का बंदोबस्त करना चाहिए. इसके लिए कैमरे लगाकर व उसके पगमार्क जांच कर आदिवासियों की रक्षा करने की मांग की जा रही है.
गांव के पास गूंजी दहाड़

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