गोंदिया : उचित देखभाल व दुरुस्ती के अभाव में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सहजता से फिटनेस प्रमाणपत्र मिलता है जिससे मार्गो पर दौड़ने वाले ऐसे अनफिट वाहनों से शहर के प्रदूषण में वृद्धि हो रही है. इस तरह के वाहनों के लिए नियमावली बनी है, लेकिन इस संदर्भ में कोई गंभीर नहीं है. जिससे बाहर से आकर्षक दिखने वाले वाहन मार्गो पर दौड़ते समय काला धुआं छोड़ रहे है इनसे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. लोगों को दम, श्वास रोग जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मार्गो पर तेज गति से दौड़ने वाली बस, ट्रक, कार व दोपहिया सहित अन्य वाहनों के कर्कश हॉर्न और पुराने वाहनों की आवाज से ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है जिससे लोगों में बहरापन की समस्या निर्माण हुई है. कर्कश आवाज से अनेक बार दुर्घटना होती है जबकि इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. सबसे अधिक वायु प्रदूषण पुराने वाहनों से हो रहा है. इन वाहनों में बंद फ्युएल इंजेक्टर, चोक होने वाले छेद, हवा फिल्टर, मिलावटयुक्त ईंधन, कार्बोरेटर की गलत सेटींग, डिजल स्प्रे नोजल में खराबी जैसी अनेक समस्या होती है.