गोबरवाही : (सं). धान का छिलका जिसे ग्रामीण भाषा में कोंडा कहा जाता है. धान की राइस मिल में मिलिंग करने के बाद चावल बनता है. धान का छिल्का भी निकलता है. इसे राइस मिल के बाहर के मैदान पर फेका जाता है. एक जमाना था, जब छिलके की कोई कीमत नहीं होती थीं. अब जमाना बदल गया है. छिलके का उपयोग किया जाने लगा है. इस छिलके को जलाकर बिजली तैयार की जाने लगी है. कभी राइस मिल के मैदान में छिलके का ढेर पहाड़ में तब्दिल हो जाते थे. उसे हटाने के लिए मजदूर लगाना और पैसे देना पड़ता था. क्षेत्र के नाकाडोंगरी सहकारी राइस मिल में वर्ष में एक बार छिलके का नीलाम किया जाता है. उसे खरीदने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते है. 19 जनवरी को उक्त राइस मिल में धान का छिलका खरीदने के लिए बड़ी तादाद में इच्छुक आएंगे, खरीदने के लिए होड़ लगने की संभावना है.