साकोली : मकर संक्रांति के अवसर पर दुर्गाबाई डोह यात्रा में तहसील के कुंभली धर्मापुरी में हजारों भक्त उपस्थित रहेंगे. इसके लिए दुर्गाबाई डोह पर तैयारियां चल रही हैं. यह स्थान जिले में एक तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. भारतीय संस्कृति में 14 जनवरी एक महत्वपूर्ण त्योहार है. भारतीय संस्कृति में त्योहारों का अनोखा महत्व है. हम कई त्योहार बड़े उत्साह से मनाते हैं. इस दौरान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. इसलिए मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार पर कुंभली गांव में चुलबंद नदी के किनारे एक यात्रा आयोजित की जाती है. यह यात्रा दुर्गाबाई दोह के नाम से प्रसिद्ध है. इसमें विदर्भ के स्थान पर इस यात्रा का नाम सबसे पहले लिया जाता है. काशी प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध इस स्थान पर पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश के लोग बड़ी आस्था के साथ आते हैं. इस तीन चार दिवसीय तीर्थयात्रा पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं और साथ ही लाखों रुपये का कारोबार भी होता है. पहले यहां एक पुराना और छोटा सा मंदिर था. कुछ साल पहले साकोली विधानसभा के विधायक नाना पटोले के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और एक सुंदर मंदिर का निर्माण किया गया. मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी. आसपास के क्षेत्र को फूल और सजावटी पौधे लगाकर सुंदर बनाया गया. रात के समय रंग-बिरंगी रोशनी में मंदिर परिसर और भी सुंदर और मनभावन लगता है. घटस्थापना पूजा करने का काम भेंडारकर परिवार की ओर हैं और इस परिवार के विक्रम भेंडारकर पुजारी के रूप में काम करते हैं. इन तीन दिवसीय श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य विभाग, राज्य परिवहन विभाग, पुलिस विभाग पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. इन तीन प्रणालियों पर यात्रा का अत्यधिक दबाव होता है और इन तीन प्रणालियों के बिना यात्रा पूरी करना असंभव है. कई वर्षों से 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित होने वाली तीर्थयात्रा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इस यात्रा के लिए सरपंच गोडसे के नेतृत्व में योजना बनायी गयी है. वहीं इस यात्रा को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसको जिम्मेदारी साकोली पुलिस प्रशासन की है.