दिल्ली : देश में अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने और विकास ठंडा रहने के मजबूत संकेत आ गए हैं. विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आ सकती है. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह अनुमान जताया गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह जानकारी दी. इसके मुताबिक, देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी. अगर ऐसा होता है तो देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2020-21 के बाद सबसे धीमी गति से बढ़ेगी.