मुंबई : आरबीआई ने खुलासा किया है कि छोटे कर्जदार जहां रोजमर्रा के खर्च चलाने के लिए कर्ज ले रहे हैं, वहीं बड़े उधारकर्ता ऋष्ण लेकर संपत्तियां बना रहे हैं. खासकर मकान के लिए बड़े कर्जदाता उधारी ले रहे हैं. ऐसे लोगों का क्रेडिट स्कोर 720 से ऊपर होता है, जबकि छोटे कर्जदारों का स्कोर 720 से नीचे होता है. आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा कि पिछले तीन वर्षों में भारतीय परिवारों के कर्ज में वृद्धि दर्ज की गई है. इसकी प्रमुख वजह कर्ज लेने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी है. जून, 2024 में मौजूदा बाजार मूल्यों पर जीडीपी का 42.9 फीसदी कर्ज भारतीय परिवारों पर था. यह अन्य उभरते देशों की तुलना में काफी कम है. मुख्य रूप से जो व्यक्तिगत कर्ज भारत में लिए जा रहे हैं, वे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड, कंज्यूमर ड्यूरेबल, वाहन, दोपहिया, शिक्षा, कृषि और मॉर्गेज लोन हैं. उच्च श्रेणी के उधारकर्ताओं के बीच प्रति व्यक्ति कर्ज में वृद्धि और परिसंपत्ति निर्माण के लिए ऋण का उपयोग वित्तीय स्थिरता बढ़ाने वाला है.