जिले में काम व उद्योग का नहीं नामोनिशान
भंडारा: जिले के ग्रामीण क्षेत्र से शहर व अन्य राज्यों की ओर हजारों मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. बीते कुछ माह में विभिन्न ग्रामों से अब तक हजारों की तादाद में मजदूर वर्ग के लोग अपने गांव से कामकाज के लिए बडे शहरों की ओर जाने की जानकारी सामने आयी है. इन मजदूरों के जाने से अब ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरों की कमी हो गई है. यह मजदूर पुणे, औरंगाबाद, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की निजी कंपनियों में दिहाड़ी काम के लिए जाते हैं. इन दिनों क्षेत्र में रबी मौसम शुरू हो गया है. खरीफ मौसम की तरह कामकाज भी उपलब्ध नहीं हो रहा है. इसलिए इन मजदूरों के सामने घर गृहस्थी चलाने की समस्या निर्माण हो गई है. यह समस्या गंभीर हैं, जिनके पास हल्की खेती है, ऐसे लोग भी गांव में रहकर क्या करेंगे, यह सोचते हुए मजदूरी के मद्देनजर गांव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. जिनके पास किसी भी तरह की खेती नहीं है, ऐसे मजदूरों के लिए गांव छोडना अनिवार्य हो गया है. रबी के मौसम में किसी भी तरह से गांव में कामकाज की व्यवस्था नहीं होती. इस कारण हजारों की तादाद में लोग संपूर्ण परिवार समेत कामकाज के लिए गांव छोड़ते हैं. वहीं इस तरह मजदूरों के स्थलांतरण होने से सरकार की ओर से चलाई जाने वाली ग्रामीण रोजगार योजना का भी बंटाढार होता दिखाई देने लगा है.