देश : के उत्तर-पूर्वी राज्यों में आतंक फैलाने की बड़ी साजिश को ‘ऑपरेशन प्रघात’ के जरिए नाकाम कर दिया गया. बांग्लादेश स्थित अंसारूल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े स्लीपर सेल के संदिग्ध लोगों को स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर उनके पास से बड़ी तादाद में शस्त्रास्त्र बरामद किए. एबीटी का अलकायदा से संबंध है. कुछ सप्ताह पहले पूर्वोत्तर में आधुनिक हथियारों के साथ नशीले पदार्थों (ड्रग्स) का जखीरा पकड़ा गया था. पहले ही मणिपुर में दीर्घकाल से भारी अशांति है जिसको भारत विरोधी ताकतें और भड़काना चाहती हैं. छुपे हुए रास्तों से पूर्वोत्तर में हथियार पहुंचाना इसी साजिश का अंग है. असम, बंगाल और केरल में स्लीपर सेल के सदस्यों का पकड़ा जाना दर्शाता है कि अलकायदा के सहयोग से एबीटी अपना जाल व्यापक रूप से फैलाता जा रहा है. खासतौर पर सिलिगुड़ी कोरीडोर की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है. जो कि शेष भारत को पूर्वोत्तर से जोड़ता है. पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के आतंकी नेटवर्क की साजिश पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की है. सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के अलावा इस क्षेत्र की समस्या का राजनीतिक समाधान भी आवश्यक है. प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर को पूर्वी एशिया का गेट वे कहा था. इसमें बाधा डालने के लिए विदेशी ताकतें और आतंकी गुट वहां अवैध हथियार और मादक पदार्थों की खेप भेजने में लगे हैं. ऐसे खतरे से दृढ़तापूर्वक निपटने के साथ ही इस क्षेत्र के राज्यों में सेना, केंद्री तथा स्थानीय समुदायों के नेता 3 चर्चा कर शांति स्थापना का प्रयास करें. जनता की शिकायता व समस्याओं को हल करने को प्राथमिकता दी जाए. खुफिया तंत्र को मजबूत बनाना होगा ताकि उपद्रवियों की साजिश का समय रहते सक्षमता से मुकाबला किया जा सके.