दिल्ली : बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंको से कर्ज लेकर डकारने बालों को विलफुल डिफॉल्टर्स की श्रेणी में डालने के लिए 6 महीने से ज्यादा समय देने की बैंकों की मांग को खारिज कर दिया है. आरबीआई ने बैंकों को साफतौर पर कह दिया है कि कोई व्यक्ति जो जानबूझकर बैंकों से लिया कर्ज वापस नहीं कर रहा है, उसे विलफुल डिफॉल्टर्स घोषित करने के प्रोसेस की हर हाल में छह महीने में बैंकों को पूरा करना होगा, आरबीआई ने विलफुल डिफॉल्टर्स घोषित करने की समय सीमा को घटाकर छह महीने कर था. आरबीआई के इस वैजस्ले से बैंक नाखुश थे रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने बैंकों को स्पाट तौर पर कहा है कि बैंकों से कर्ज लेने वाले किसी भी व्यक्ति को विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने की प्रक्रिया को छह महीने में बैंकों को पूरा करना होगा. आरबीआई का मानना है कि बैंकों से ऐसे लोग जो कर्ज लेकर डकार जाते हैं उन्हें विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने की प्रक्रिया में देरी होने से एसेट्स के वैल्यू में गिरावट आ जाती है और एसेट्स के वैल्यू में गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई ने ये फैसला लिया है. आरबीआई के इस कदम से जहां बैंकों को कर्ज डूबने के संकट से बचाया जा सकेगा वहीं इससे फाइनेंशियल स्टैचलिटी को बनाए रखने में मदद मिलेगी.