भाजपा-राज में नया घोटाला, कैग की रिपोर्ट में खुलासा
भोपाल : मध्य प्रदेश में बच्चों की सेहत का बुरा हाल है. कैग की रिपोर्ट ने आईसीडीएस योजना के तहत चल रहे टीएचआर प्रोग्राम में करीब 450 करोड़ के घोटाले का खुलासा किया है. यह योजना बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और स्कूल न जाने वाली किशोरियों के पोषण के लिए है. इसमें गड़बड़ियों की वजह से पैसा जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है. रिपोर्ट में समय पर सर्वे न होना, राशन बनाने और बांटने में गड़बड़ी, घटिया कालिटी का राशन जैसी कई समस्याएं सामने आई हैं. कैग ने मध्य प्रदेश के टीएचआर प्रोग्राम की जांच की. इस प्रोग्राम का मकसद कुपोषण से लड़ना और बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पौष्टिक आहार देना है, लेकिन कैग ने पाया कि इस योजना में कई तरह की गड़बड़ियां हुई हैं. जिससे राज्य के स्वास्थ्य की स्थिति और खराब हुई है. बेसलाइन सर्वे में धांधली रिपोर्ट में सबसे बड़ी गड़बड़ी लाभार्थियों की पहचान के लिए जरूरी बेसलाइन सर्वे में देरी को बताया गया है. केंद्र और राज्य सरकार के अप्रैल 2018 तक सर्वे पूरा करने के निर्देश के बावजूद, विभाग फरवरी 2021 तक भी इसे पूरा नहीं कर पाया. इस देरी से न केवल काम में रुकावट आई, बल्कि राशन बनाने, ढोने और बांटने में भी गड़बड़ियां हुईं विभाग के अनुमान के मुताबिक स्कूल न जाने वाली किशोरियों की संख्या 55 लाख बताई गई, जो स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़े 0.4 लाख से कहीं ज्यादा थी. इससे 110.8 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च हुआ.