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दीक्षाभूमि पर हंगामा, आगजनी

नागपुर: पवित्र दीक्षाभूमि पर चल रहे सौंदर्याकरण व नवीनीकरण प्रकल्प के अंतर्गत निर्मित हो रहे अंडरग्राउंड पार्किंग के मुद्दे को लेकर स्मारक समिति और आंबेडकरी जनता के बीच विवाद गहराता जा रहा है. गत अनेक दिनों से इस संदर्भ में समन्वय साधने के प्रयास तो हुए लेकिन मामला बिगड़ता चला गया. इसका प्रतिफल यह रहा कि सोमवार को उमड़ी भीड़ ने दीक्षाभूमि परिसर में आगजनी तक कर डाली. हालांकि स्मारक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन श्रद्धालुओं ने पार्किंग स्थल पर ही जमकर हंगामा मचाया और विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही पवित्र दीक्षाभूमि पर राजनीतिक दबाव में पार्किंग स्थल को मंजूरी देने का स्मारक समिति पर आरोप भी लगाया. विरोध कर रही आंबेडकरी जनता का मानना है कि बाबासाहब भीमराव आंबेडकर ने यहीं से क्रांति की थी. यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए अलग महत्व रखता है. इससे खिलवाड़ बिल्कुल सहन नहीं किया जाएगा.

स्मारक समिति की भूमिका पर संदेह
आंदोलनकर्ताओं का मानना है कि इस पार्किंग के कारण भविष्य में स्तूप और बोधिवृक्ष को नुकसान पहुंचेगा. भले ही स्मारक समिति नुकसान से इनकार कर रही हो लेकिन पूरे मामले में शुरू से ही समिति की भूमिका संदेहास्पद रही है. ऐसे में समिति को स्ट्रक्चरल ऑडिट कर समाज के समक्ष भूमिका रखनी चाहिए लेकिन समिति लगातार कोई न कोई नया बहाना करती रही है. इसी वजह से समाज में रोष बढ़ता गया है.

दिया आश्वासन : इस घटना के बाद दीक्षाभूमि समिति ने लिखित रूप से आश्वासन दिया कि भूमिगत पार्किंग तत्काल बंद कर रहे हैं. दीक्षाभूमि ट्रस्ट के सचिव राजेंद्र गवई ने कहा कि कंस्ट्रक्शन का काम रोक दिया गया है

सरकार ने लगाई निर्माण पर रोक दीक्षाभूमि के विकास के लिए प्लान तैयार किया गया. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से 200 करोड़ रुपए दिए गए. स्मारक समिति द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार ही प्लान तैयार किया गया है. इसी आधार पर अंडरग्राउंड पार्किंग का काम शुरू किया गया किंतु अब इस मामले में आंबेडकरी जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य स्थगित करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया, एक बैठक लेकर सभी की सहमति से निर्णय लिया जाएगा.

देवेन्द्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री

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