दोनों जिलों में चर्चित चेहरा है जायसवाल का, पिछले 40 साल से लड़ रहे किसान, मजदूर और ओबीसी के हक के लिए..
भंडारा। मजदूरों का नेता, किसानों का नेता, बहुजनों और ओबीसीयों का नेता के रूप में प्रख्यात जमीन से जुड़े एड. वीरेंद्र जायसवाल पिछले 40 साल से समाज हित में संघर्ष करते आ रहे है।
लोकसभा चुनाव 2024 हेतु बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आज एड. वीरेन्द्र जायसवाल ने अपना नामांकन भंडारा जिलाधिकारी के समक्ष दाखिल कर दिया है। वे इस बार ओबीसी चेहरे के रूप में सामने आए है। श्री जायसवाल ओबीसी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष है और उनके साथ ओबीसी समाज के अनेक लोग समर्थन में खड़े हुए है।
एड. वीरेंद्र जायसवाल का राजनीतिक सफर कॉलेज के जीवन से शुरू हुआ। उनके नाम अनेक आंदोलन और जनसंघर्ष है। श्री जायसवाल ने नगर परिषद से लेकर विधायकी और लोकसभा भी अनेक बार लड़ा है। वर्ष 2009 में उन्हें बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवार बनाया गया था जहां वे तीसरे नंबर पर थे।
वे कहते है, मेरा चुनाव लड़ने का उद्देश्य सिर्फ जन हित को लेकर सदैव रहा है। मुझे अवसर मिला तो, मैं वो आवाज बुलंद करूँगा जो आज तक इस क्षेत्र से संसद में किसी ने नही उठाई होगी। जिले में जनप्रतिनिधित्व कम और स्वार्थ की राजनीति ज्यादा हो रही है। दोनों जिले विकास से पिछड़े पड़े है। यहां का किसान फसलें छोड़ बाहर कमाने जा रहा है। युवावर्ग फेक्ट्री, कारखाने, रोजगार न होने पर बड़े शहर की ओर रुख कर रहे है।
लोकसभा चुनाव आम जनता को अपना जनप्रतिनिधित्वव सौपने का चुनाव है। पर वर्तमान में इस चुनाव को कुछ राजनीतिक पार्टियों ने अपना चुनाव बना रखा है। जनता ने इनके क्रियाकलापों से उठकर बाहर आना चाहिये। हमें समाज को सुदृढ़ करना है। उनके बारे में सोचना है। ओबीसी के हक और अधिकारों को लेकर आवाज ऊपर उठानी है। और इसे करने हेतु मैंने चुनाव हेतु नामांकन भरा है।