भंडारा, विश्व मछली दिवस के अवसर पर जिले के मत्स्य उत्पादन, जल संसाधनों के उपयोग, सहकारी संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका तथा प्रधानमंत्री मछली संपदा योजना के अंतर्गत चल रहे उपक्रमों का व्यापक आकलन किया गया. रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि भंडारा जिले में मछली पालन व्यवसाय लगातार प्रगति कर रहा है. शुरु वर्ष के ऑक्टोबर माह के अंत तक जिले का कुल 3,854 मीट्रिक टन मछली उत्पादन हुआ है और हंगाम के अंत तक यह उत्पादन 6,029 मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है. मछली विभाग के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है.
15,818 हेक्टेयर क्षेत्र में मछली
पालन : जिले का कुल जल क्षेत्र 21.491 हेक्टेयर है, जिसमें से 15.816 हेक्टेयर क्षेत्र मछली पालन के लिए उपलब्ध है. तालाब, छोटे तालाब, मछली पालन के तालाब और खेत के तालाब ही उत्पादन के मुख्य हैं. इन जलाशयों में वर्षभर मछली संवर्धन, मछली बीज संचयन, बिज उत्पादन, परीक्षण और अन्य संवर्धनात्मक उपाय लगातार किए जाते हैं. नियंत्रित संवर्धन की वजह से उत्पादन क्षमता में
स्पष्ट वृद्धि देखी जा रही है. मत्स्य बीज निर्मिती एवं संचयन
इस वर्ष जिले में 170 लाख मछली के बीज संचयित किए गए हैं. विभिन्न तालाबों में किए गए संचयन से उत्पादन को बढ़ावा मिला है. जिले का बिज उत्पादन लक्ष्य 2,400 लाख बिज रखा गया है, जिसमें से बड़ा हिस्सा स्थानीय स्तर पर तैयार
जिले की निरंतर प्रगति
प्रधानमंत्री मछली संपदा योजना के अंतर्गत मिले सहयोग और जल के प्रभावी उपयोग के कारण जिले में मछली उत्पादन में वृद्धि हो रही है तथा नई रोजगार अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. यह सस्टेनेबल मछली व्यवसाय की दिशा में जिले की निरंतर प्रगति का संकेत है.



