भंडारा, जिला सामान्य अस्पताल की मक्यूरी के निकट फैल रही गंभीर लापरवाही ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. पोस्टमार्टम से निकलने वाले अत्यंत संवेदनशील और हानिकारक वेस्टेज का निस्तारण सुरक्षित तरीके से न करके उसे खुले में फेंक दिया जा रहा है, जहाँ गाय और कुत्ते जैसे आवारा जानवर उसे खाकर अपना पेट भर रहे हैं. यह स्थिति न केवल पशुओं के लिए खतरनाक है, बल्कि पूरे क्षेत्र के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है.
अस्पताल परिसर के एक कोने में स्थित शव विच्छेदन गृह कोरोना ब्लॉक के पास एक अलग इमारत में बनाया गया है. यहां प्रतिदिन होने वाले पोस्टमार्टम से जो वेस्टेज निकलता है, उसे कर्मचारी काली प्लास्टिक की थैलियों में भरकर बाहर खुले
में रख देते हैं. नियमानुसार इस वेस्टेज का निपटारा तुरंत सुरक्षित तरीके से होना चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण ये थैलियाँ घंटों तक खुले में पड़ी रहती हैं.
इन्हीं थैलियों को फाड़कर गायें वेस्टेज को खाती दिखाई देती हैं. गायों के बाद कुत्ते
भी उसी जगह पर मंडराते हैं और इन दूषित अवशेषों को खाने का इंतजार करते नजर आते हैं. यह दृश्य केवल अस्वच्छता ही नहीं, बल्कि किसी बड़े संक्रमण फैलने का संकेत भी है.
पोस्टमार्टम वेस्टेज से होने वाले खतरे : पोस्टमार्टम वेस्टेज में मानव शरीर के अंगों के टुकड़े, खून, संक्रमित ऊतक, रसायन व अन्य जैविक अवशेष शामिल होते हैं. यह सामग्री अत्यधिक संक्रमित होती है और इससे कई तरह के घातक रोग फैल सकते हैं, जिसमें बैक्टीरिया और वायरस जनित बीमारियाँ जैसे टिटनेस, हेपेटाइटिस, तपेदिक आदि शामिल है. जलजनित और वायुजनित संक्रमण, जो आसपास की आबादी को प्रभावित कर सकते हैं. पशुओं में बीमारियाँ फैलने का खतरा रहता है, जिससे वे बीमार या आक्रामक हो सकते हैं. पर्यावरण प्रदूषण,
क्योंकि यह वेस्टेज जमीन और पानी दोनों को दूषित करता है. इससे प्रदूषण और स्वच्छता पर गंभीर असर संभव है. खुले में पड़ा जैविक कचरा सड़कर बदबू फैलाता है, जिससे अस्पताल परिसर की स्वच्छता प्रभावित होती है. बरसात के समय यह वेस्टेज नालियों और जलस्रोतों में जाकर पानी को प्रदूषित कर सकता है. इससे पूरे क्षेत्र में संक्रमण और महामारी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.



