मुंबई, हाल ही के कुछ दिनों में मुंबई की आबोहवा लगातार बिगड़ती हुई नजर आ रही है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शहर के कुछ इलाकों में 200 से 300 के बीच बना हुआ है, जो बढ़ते हुए वायु प्रदूषण को दर्शा रही है. कई पर्यावरण एक्टिविस्ट बढ़ते हुए प्रदूषण को लेकर चिंतित है और मुंबई की तुलना दिल्ली से कर रहे हैं. उनका कहना है कि बीएमसी को स्थिति नियंत्रण में रखना चाहिए नहीं तो वरिष्ठ नागरिक और बच्चों को इससे समस्या हो सकती है, ऐसी स्थिति को देखते हुए बीएमसी ने कड़ा कदम उठाया है. बीएमसी के मुताबिक, अब प्रत्येक वार्ड (प्रभाग) की निगरानी की जाएगी और अगर उस वार्ड की एक्यूआई 200 से अधिक बढ़ता है तो संबंधित इलाके में निर्माणाधीन इमारत और अन्य प्रदूषण कारक उद्योगों को बंद करा दिया जाएगा.
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जारी किए गए 28 बिंदुओं वाले दिशा-निर्देश
बीएमसी ने 28-बिंदुओं वाले दिशा-निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक वार्ड स्तर पर विशेष फ्लाइंग स्क्वाड (उड़न दस्तों) की नियुक्ति की है. इन स्क्वाड का मुख्य उद्देश्य दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई करना और शहर में प्रदूषण नियंत्रित करने के उपायों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना है. अतिरिक्त नगर निगम आयुक्त (शहर) डॉ. अश्विनी जोशी
पार पहुंचा एक्यूआई तो प्रदूषण कारक उद्योग व निर्माण कार्य होंगे बंद
66 वायु प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित किसी भी नियम की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिस इलाके में एक्यूआई 200 से ऊपर रहेगा, वहां फ्लाइंग स्क्वाड प्रदूषण कारक निर्माण स्थलों और उद्योगों को बंद करेगी. भूषण गगरानी (बीएमसी आयुक्त)
ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वायु प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित किसी भी नियम की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने बताया कि यदि किसी क्षेत्र में ए क्यू आई लगातार 200 से अधिक रहता है, तो उस क्षेत्र के प्रदूषण-कारक उद्योगों और निर्माण कार्यों को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 के तहत बंद कर दिया जाएगा.



