भंडारा, साकोली-संदुरवाफा और तुमसर में बगावत की आंधी ने प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की नींद उड़ा दी है. नामांकन प्रक्रिया में कुल 104 पदों (100 नगरसेवक नगराध्यक्ष) के लिए रिकॉर्ड 995 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए, महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गट, राष्ट्रवादी अजित गट) और महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-ठाकरे गट, राष्ट्रवादी शरद पवार गट) दोनों ही गठबंधनों में टिकट वितरण की गड़बड़ियों ने विद्रोह को जन्म दिया, जिसके चलते पार्टियों में आंतरिक विस्फोट होता दिखाई दे रहा है. वरिष्ठ नेता बागियों को मनाने में जुटे हैं, लेकिन कई जगह हालात काबू से बाहर होते दिख रहे हैं. जिले में 2 दिसंबर को होने वाले मतदान में 1,70,315 मतदाता तय करेंगे कि राजनीतिक बगावत किसका खेल बिगाड़ेगी, खास बात यह कि महिलाओं की संख्या अधिक है, जो चुनावी समीकरण पलट सकती हैं. भंडारा नगरपरिषद में बहुकोणिय लड़ाई साफ नजर आ रही है. भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस और दोनों राष्ट्रवादी गुटों के बागियों ने सीधे-सीधे आधिकारिक उम्मीदवारों की नींद उड़ाई है. परिणाम अप्रत्याशित आने की प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है. पवनी नगर परिषद में 20 नगरसेवकों लिए युद्ध जैसा माहौल है. नगराध्यक्ष की मुख्य दावेदार शिवसेना (शिंदे) की प्रगति बावनकर, भाजपा की भावना भाजीपाले, के
साकोली-सेंदुरवाफा में बनी रहेगी अनिश्चितता
साकोली- सेंदुरवाका नगर पाक्तिका चुनाव में बगावत ने उथल-पुथल मचा रखी है. यहां 20 नगरसेवक और महिला आरक्षित नगराध्यक्ष पद के लिए मुकाबला अत्यंत गर्म है. मुख्य चेहरे देवी कापगते (भाजपा), सुनीता कापगते (कांग्रेस), भारती लंजे (राष्ट्रवादी अजित), वंदना पोहने (शिवसेना-शिंदे) और कोकीला रामटेके (वचित बहुजन आघाडी) के बीच कांटेदार मुकाबला है, यहाँ तीन बड़े बागियों के मैदान में उतरने से साकोली में अंतिम क्षण तक अनिश्चितता बनी रहने वाली है,
राष्ट्रवादी (शरद) की माधुरी तलमले, राष्ट्रवादी (अजित) गुट की डॉ. विजया नंदूरकर में मुख्य मुकाबला दिखाई दे रहा है. लेकिन अन्य उम्मीदवार भी प्रमुख दलों के वोटों में सेंध लगाती नजर आ रही है. चारों तरफ से मुकाबला इतना तीखा है कि वोट विभाजन तय माना जा रहा है. हालात तो यह बन रहे है कि कोई भी उम्मीदवार भी बाजी मार सकता है.
तुमसर में दो बागियों ने बढ़ाया
सिरदर्द तुमसर में दो बागियों ने राजनीतिक सिरदर्दी बढ़ाई है. नगराध्यक्ष के लिए मुकाबले में अनिल बावनकर (कांग्रेस), प्रदीप पडोले (भाजपा), अभिषेक कारेमोरे (राष्ट्रवादी अजित), हेमराज नागफासे (राष्ट्रवादी-शरद), कल्याणी भुरे (शिवसेना-शिंदे) मैदान में हैं. लेकिन असली खतरा दो बागियों से है, जिन्होंने पूरे समीकरण को उलट-पुलट कर दिया है.बगावत ने उड़ाई प्रमुख उम्मीदवारों की नींद
चारों नगर परिषद के चुनावों में बगावत चरम पर



