भंडारा, जिले की साकोली तहसील के भेल प्रकल्पग्रस्त किसानों को जिला न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए विवादित प्रकल्प की जमीन पर खेती करने की अनुमति प्रदान की है. बुधवार को भाजपा के पूर्व पालक मंत्री डॉ. परिणय फुके तथा भेल परियोजना प्रकल्पग्रस्त किसान समिति के अध्यक्ष विजय नवखरे ने यह जानकारी दी. साकोली तहसील के मुंडिपार, बामनी (खैरी) तथा पिंपलगांव ग्राम पंचायत क्षेत्रों की 476 एकड़ (19,28,995 वर्ग मीटर) उपजाऊ कृषि भूमि वर्ष 2013 में भारत सरकार की नवरत्न कंपनी ‘भेल’ को सोलर प्रकल्प हेतु लीज पर दी गई थी. पिछले दस वर्षों में प्रकल्प का कार्य प्रारंभ न होने से किसानों में नाराजगी बढ़ती गई. इस बीच एमआईडीसी ने प्रकल्प को लेकर भेल द्वारा दिखाई गई उदासीनता के कारण भूमि की
में लीज रद्द कर दी. लाभ न मिलने से क्षुब्ध किसानों ने 9 जून को डॉ. फुके के नेतृत्व अपनी भूमि पर पुनः कब्जा लेकर खेतों में हल चलाकर धान की बुआई कर दी. इसके विरोध में भेल कंपनी ने डॉ. परिणय फुके समेत 19 किसानों के विरुद्ध न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी. इस प्रकरण पर बुधवार को सुनवाई करते हुए माननीय पी. एल. गुप्ता, जूनियर सिविल
जज (वरिष्ठ विभाग), भंडारा ने 18 नवंबर को भेल की अर्जी खारिज कर दी. फैसले से किसानों का मार्ग सरल हो गया है. निर्णय के उपरांत किसानों का जत्था भाजपा जिला कार्यालय पहुंचा तथा डॉ. फुके को धन्यवाद प्रकट किया. वहीं डॉ. फुके ने भंडारा न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया. किसानों ने बताया कि उन्होंने धान की कटाई कर खुशियां मनाई हैं.



