पटना, बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी को मिली करारी हार का प्रशांत किशोर प्रायश्चित करेंगे. पीके ने 20 नवंबर को पश्चिम चंपारण जिले में स्थित महात्मा गांधी के भीतिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास करने का ऐलान किया है. उन्होंने बिहार चुनाव में जन सुराज को मिली हार की जिम्मेवारी खुद पर ली और कहा कि हम लोग व्यवस्था परिवर्तन नहीं कर सके. हमारी सोच में कुछ गलती हुई होगी. यह जिम्मेवारी मेरी है और मैं खुद इसे स्वीकार करता हूं. इसके साथ ही उन्होंने एनडीए की नई सरकार बनने से पहले ही यह अल्टीमेटम भी दिया कि अगर सरकार में दागदार मंत्री बनाए गए तो वे उनके खिलाफ कोर्ट जाएंगे. यहां उनका इशारा सीधे तौर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की ओर था, जिनकी आयु को लेकर उन्होंने
पैसे के बल पर जीत
उन्होंने बिहार सरकार द्वारा चुनाव के दौरान स्वरोजगार के लिए 10-10 हजार रुपये महिलाओं को बांटे जाने को एनडीए की बंपर जीत की वजह बताया. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य सरकार ने जनता के करीब 40 हजार करोड़ रुपया खर्च करने का बड़ा वादा किया है. लोगों ने इसके लिए ही उन्हें वोट दिया है. हर विधानसभा में 60-62 हजार महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10-10 हजार रुपया दिया गया. पूरा सरकारी तंत्र लगाया गया और बताया गया कि सरकार जीती तो आगे 2 लाख रुपया भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जीविका दीदियों, ममता-आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा 29 हजार करोड़ रुपया बांटा गया है.
चुनाव के दौरान नामांकन में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था. हमारे लिए यह आत्मचिंतन का समय है.



