नागपुर, लोकप्रिय गायक पद्मश्री शंकर महादेवन ने ‘बलसागर भारत होवो’, ‘हम करें राष्ट्र आराधन’, ‘एकता स्वतंत्रता समानता रहे’, ‘चरैवेति चरैवेति’ जैसे राष्ट्रभक्ति गीतों की प्रस्तुति से खचाखच भरे मैदान में मौजूद श्रोताओं के मन में राष्ट्रभावना जागृत की. ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के मैदान पर चल रहे ‘खासदार सांस्कृतिक महोत्सव-2025’ के 11वें दिन शंकर महादेवन का ‘राष्ट्र आराधन’ नामक लाइव इन कॉन्सर्ट आयोजित किया गया था. महादेवन के साथ नागपुर की गायिका श्रीनिधि घटाटे और उनके पुत्र शिवम महादेवन ने भी बेहतरीन साथ दिया. शंकर महादेवन ने कार्यक्रम की शुरुआत ‘सूर निरागस’ और ‘एकदंताय वक्रतुंडाय’ जैसी गणपति वंदनाओं से की जिसके बाद उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए। ‘ओम नमः शिवाय’ शिव मंत्र के सुर में श्रोताओं ने भी अपना सुर मिलाया.
कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय मंत्री और खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के प्रणेता नितिन गडकरी, पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, राज्य मंत्री पंकज भोयर, विधायक प्रवीण दटके, पुलिस आयुक्त डॉ. रवीन्द्र सिंगल, मनपा आयुक्त अभिजीत चौधरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक राजेश लोया, राजेंद्र पुरोहित ने दीप प्रज्वलित कर की. संचालन बाल कुलकर्णी और रेणुका देशकर ने किया.
अमर संघ गीत और देशभक्ति की
प्रस्तुति : शंकर महादेवन ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए खास है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में कुछ पुराने संघ गीतों को नए सिरे से संगीतबद्ध करके ‘अजरामर संघ गीत’ नामक एल्बम जारी किया गया है.
देश के एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर इन गीतों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने और उनमें राष्ट्रप्रेम जगाने के उद्देश्य से मैं आज ये गीत प्रस्तुत कर रहा हूं. यह कहते हुए उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों से सजे ‘निर्माणों के पावन युग में’ गीत से शुरुआत की.
इसके बाद उन्होंने ‘बलसागर भारत होवो’,
आज समापन
‘खासदार सांस्कृतिक महोत्सव-2025’ का समापन मंगलवार, 18 नवंबर को प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी अजय-अतुल के लाइव इन कॉन्सर्ट के साथ होगा. आयोजकों ने अपील की है कि यह कार्यक्रम शाम 6.30 बजे शुरू होगा, इसलिए असुविधा से बचने के लिए श्रोता जल्द से जल्द कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर अपनी जगह सुनिश्चित करें.
‘हम करें राष्ट्र आराधन’, ‘मनसा सततं स्मरणीयम’, ‘ध्वज केशरी शिवाचा’, ‘संस्कृति सब की एक चिरंतन’, ‘एकता स्वतंत्रता समानता रहे’, ‘चरैवेति चरैवेति’, ‘सूरसंगम तालसंगम’ और ‘विश्व में गूंजे हमारी भारती’ जैसे संघ गीतों का प्रस्तुतीकरण किया. उन्होंने ‘ऐ वतन’, ‘जिंदा’, ‘मैं रहूं या ना रहूं’, ‘मन मंदिरा’, ‘मां’, ‘कांधो से मिलते हैं’, ‘कल हो ना हो’, ‘मितवा’, ‘सुनो गौर से’ जैसे देशभक्ति और अन्य लोकप्रिय गीत भी प्रस्तुत किए. श्रीनिधि और शिवम के साथ उनकी प्रस्तुति ने माहौल को भावुक कर दिया. श्रीनिधि पिछले 10 वर्षों से शंकर महादेवन के साथ हैं और उन्होंने इस दौरान ‘बोल ना हल्के हल्के’ गीत प्रस्तुत किया.



