सूरत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के सूरत पहुंचे थे. यहां उन्होंने अंत्रोली इलाके में बने रहे देश के पहले बुलेट ट्रेन स्टेशन का दौरा किया था. इस दौरान पीएम ने ट्रैक मशीन में बैठकर पूरे कॉरिडोर का जायजा लिया, पीएम यहां 35 मिनट तक रुके और प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों से बात की.
388 किमी के पिलर तैयार: 508
किमी का कॉरिडोर है, जिसमें करीब 378 किमी के पिलर तैयार है. 2015 में पीएम मोदी ने अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की थी. 14 सितंबर 2017 को इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई. मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना 508 किलोमीटर लंबी है. एनएचएसआरसीएल के मुताबिक, कॉरिडोर में अब तक 378 किलोमीटर का पियर वर्क पूरा हो चुका है. पूरे प्रोजेक्ट की बात करें, तो अब तक 75% काम पूरा हो चुका है. प्रोजेक्ट के तहत नदियों पर कुल 24 ब्रिज बनाए जाने हैं.
14 छोटे ब्रिज भी बनकर तैयार
इनमें से 14 छोटे ब्रिज बनकर तैयार हैं. नर्मदा नदी पर बन रहा सबसे लंबा 1.4 किमी का पुल भी फाइनल स्टेज में है. सब कुछ प्लान के मुताबिक चला, तो 2026 के आखिर तक बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल हो सकता है. अर्थक्वेक बुलेट ट्रेन में पहली बार वॉर्निंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है. गुजरात में चल रहा काम लास्ट फेज में गुजरात सेक्शन में बुलेट ट्रेन का काम महाराष्ट्र के मुकाबले तेज रफ्तार से चल रहा है. यहां बन रहे 348 किमी लंबे कॉरिडोर का काम आखिरी फेज में है.
272 किमी वायाडक्ट का काम पूरा
गुजरात में अब तक 272 किमी वायाडक्ट यानी एलिवेटेड हिस्से का काम पूरा हो गया है. 24 में से 14 पुल बन चुके है. किम, पार और पूर्णा नदियों पर पुल तैयार है. तापी और माही पर काम चल रहा है. राज्य की इकलौती 350 मीटर लंबी सुरंग भी बन चुकी है. ट्रैक सिस्टम का काम तेजी से हो रहा है. सूरत और बिलिमोरा के बीच पटरियां बिछाने का काम शुरू हो गया है. जापान से लाई गई 25 मीटर लंबी पटरियों को फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन से जोड़कर 200 मीटर लंबे रेल पैनल बनाए जा रहे हैं. अब तक 298 पैनल वेल्ड हो चुके हैं. ये लगभग 60 किमी पटरी के बराबर है. इन्हें रेल फीडर कारों से ट्रैक स्लैब पर फिक्स किया जा रहा है.
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