नवी मुंबई में ठाकरे गुट के उपनेता विठ्ठल मोरे का कहना है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और वन मंत्री गणेश नाईक के बीच चल रहा विवाद एक ‘नाटक’ है. अगर यह झगड़ा सच है, तो नवी मुंबई को इससे फायदा होगा, लेकिन अगर यह सिर्फ़ एक राजनीतिक तमाशा है, तो नागरिकों के साथ धोखा हो रहा है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नवी मुंबई के विकास के लिए ऐसे नेताओं को सत्ता से दूर रखना जरूरी है. मोरे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और वन मंत्री गणेश नाईक दोनों कैबिनेट में एक साथ बैठते हैं और जब नवी मुंबई आते हैं, तो एक-दूसरे के खिलाफ बोलते हैं.
चुके हैं गुमराह अब बेनकाब हो चुके हैं गुमराह करने वाले लोग
क्या हम इतने मूर्ख हैं कि यह बात समझ नहीं पाते? उन्हें अपनी समस्याओं का समाधान कैबिनेट में ही करना चाहिए, क्या वे वहां नहीं कर सकते? उनका झगड़ा सच्चा हो या झूठा, नवी मुंबई के विकास के लिए ऐसे लोगों को सत्ता से दूर रखना जरूरी है. सत्ता में रहते हुए झगड़ने और लोगों को गुमराह करने वाले ये लोग अब बेनकाब हो चुके हैं. चाहे लाडली बहन योजना हो या फिर कोई दूसरी योजना,
राज्य में बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ी है, भ्रष्टाचार, महंगाई, धोखाधड़ी हर जगह चल रही है. महिलाओं पर बड़े पैमाने पर अत्याचार हो रहे हैं और पुलिस प्रशासन क्या कर रहा है, यह सवाल लोगों के सामने खड़ा हो गया है. लोग इस सरकार से तंग आ चुके हैं. इसलिए, जब चुनाव का समय आएगा, तो लोग सोच-समझकर फैसला लेंगे. मोरे ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि महाविकास अघाड़ी, राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के नेतृत्व में हम नवी मुंबई में बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगे.



