कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस
पुणे महानगरपालिका की स्थायी समिति द्वारा दो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और चार मौजूदा परियोजनाओं के नवीनीकरण के लिए 1200 करोड़ रुपए के टेंडर को मंजूरी दिए जाने के बावजूद पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने आरोप लगाया है कि इस परियोजना पर वास्तव में 1860 करोड़ खर्च होंगे. दोनों विपक्षी दलों ने केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर इस प्रक्रिया के जरिए महानगरपालिका पर लगभग 500 करोड़ की ‘डकैती’ डालने का गंभीर आरोप लगाया है. विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है कि यदि यह टेंडर रद्द नहीं किया गया तो वे इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
नागरिकों ने जताया अफसोस इस मामले में नागरिकों के एक समूत की तरफ से मनपा आयुक्त को लिखे गए पत्र में निराशा व्यक्त की गई है. नागरिकों ने कहा है कि मनपा आयुक्त से उम्मीद थी कि उनके कार्यकाल में महानगरपालिका में कोई गलत कामकाज नहीं होगा.



