पुणे, नाट्य निर्माता के साथ धोखाधड़ी के आरोप
में दर्ज मामले में मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल शुक्रवार (31 अक्टूबर) को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट जी. आर. डोरनालपल्ले के न्यायालय में हाजिर हुए. उन्होंने इस अपराध से दोषमुक्त करने और इस मामले को निपटाने के लिए एक अर्जी (आवेदन) दी है. अर्जी पर बचाव पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं. अब इस अर्जी पर अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी. कोथरूड पुलिस स्टेशन में नाटकों के प्रयोग आयोजित करवाकर उसका पैसा न देने के आरोप में जरांगे के साथ अर्जुन प्रसाद जाधव और दत्ता बहीर (सभी निवासी अंबड, जिला जालना) के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस संबंध में धनंजय घोरपड़े (निवासी वारजे) ने शिकायत दर्ज कराई थी. जरांगे पाटिल ने इस मामले से दोषमुक्त होने के लिए अर्जी दी है. हालांकि, स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण पिछली कुछ सुनवाइयों में जरांगे-पाटिल उपस्थित नहीं थे.



