धान की फसल
संकट में
भंडारा
अक्टूबर माह बीत चुका है फिर भी ठंड की शुरुआत नहीं हुई। जबकि, फिर से बेमौसम बारिश ने समां बांधा है। गुरुवार, 23 अक्टूबर से ठंडी हवाएं चलने लगी थीं। शुक्रवार 24 अक्टूबर को सुबह से कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी तो, कहीं जमकर मेघ बरसे है। इस बारिश के कारण हल्के धान की कटी हुई फसल को नुकसान पहुंचने के संभावना है। जिससे मौसम ने किसानों को फिर से चिंता में डाल दिया है।
इस वर्ष बारिश ने किसानों के नाक में दम कर दिया है। इस वर्ष जिले में औसतन से ज्यादा मात्रा में बारिश हुई। जिससे जलस्त्रोत में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस वर्ष किसानों को बार-बार मौसमीय बदलावों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार हो रही बेमौसम बारिश के कारण पहले ही फसलों को काफी नुकसान हुआ।



