लाखनी:- दिवाली के त्योहार पर घरों में मिठाइयों की खुशबू हर जगह फैलनी चाहिए थी, लेकिन लाखों अंत्योदय राशनधारकों को शक्कर की प्रतीक्षा में ही संतोष करना पड़ा. पिछले डेढ़ साल से शासन की ओर से राशन में शक्कर की आपूर्ति न होने से राशनधारकों में तीव्र नाराजगी फैल गई है. स्थानीय लोगों ने कहा, दिवाली में फराल बनाने में परेशानी उठानी पडी. दिवाली का उत्साह ही फीका पड़ गया.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अंत्योदय राशनधारकों को प्रति कार्ड 10 किलो गेहूं, 25 किलो चावल और 1 किलो शक्कर मिलती रही है. केशरी राशनधारकों को प्रति व्यक्ति 1 किलो गेहूं और 4 किलो चावल मिलता है. लाखनी तहसील के 8,166 अंत्योदय राशनधारकों को पिछले डेढ़ साल से शक्कर की आपूर्ति ठप है. स्थानिक राशन दुकानदारों ने कहा, शासन से शक्कर नहीं आती, हम क्या करें? कई लाभार्थी उम्मीद के साथ शिकायत करते हैं, लेकिन हर बार निराशा हाथ लगती है. अंत्योदय राशनधारकों को शक्कर प्रति किलो 20 रुपये दर से मिलने की व्यवस्था है. लेकिन शासन की अनियमित आपूर्ति के
राज्य में महायुति सरकार के समय में शक्कर हुई कड़वी


