हेटी में बच्चों की शिक्षा के लिए सड़क पर उतरे नागरिक
नाकाडोंगरी (भंडारा)
तुमसर तहसील के आदिवासी बहुल हेटी गांव में शिक्षा व्यवस्था की लापरवाह बर्ताव को लेकर अभिभावक आक्रमक हुए। बुधवार, 15 अक्टूबर ग्रामीणों ने जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय हेटी को ताला जड़ा दिया। इस
दौरान ‘शिक्षक दो, वरना स्कूल बंद रहेगा’ इस नारे से परिसर गूंज उठा था। तुमसर तहसील के हेटी गांव की जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पहली से पांचवीं तक की पढ़ाई होती है और अधिकांश बच्चे आदिवासी समुदाय के हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, यही स्कूल उनके बच्चों का भविष्य
है, लेकिन विभाग की लापरवाही ने उन्हें मजबूर कर दिया। पिछले कई वर्षों से स्कूल में सिर्फ एक ही शिक्षक कार्यरत है। प्रशासनिक और गैर-शैक्षणिक कामों में उलझकर वह बच्चों की पढ़ाई की ओर सही ध्यान नहीं दे पा रहे। नतीजतन, आदिवासी बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है। इससे पूर्व
ग्रामीणों ने तहसीलदार, गुट विकास अधिकारी, शिक्षाधिकारी भंडारा और गोबरवाही पुलिस थानेदार को लिखित रूप में चेतावनी दी थी।
6 अक्टूबर को तुमसर के गुट शिक्षाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया था। जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि, अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई, तो आंदोलन किया जाएगा। लेकिन प्रशासन की चुप्पी ने ग्रामीणों का सब्र तोड़ दिया। आखिरकार, बुधवार 15
अक्टूबर को सुबह में जिला परिषद सदस्य कृष्णकांत बघेले, ग्राम पंचायत सरपंच रुपवंती साखरे, उपसरपंच देवेंद्र अवथरे और सदस्य घनश्याम मरसकोले की मौजूदगी में ग्रामीणों ने स्कूल का ताला जड़ दिया। उन्होंने साफ कहा कि, जब तक नया शिक्षक नहीं नियुक्त होता तब तक शाला का ताला नहीं खुलेगा। इस ताला ठोको आंदोलन का क्या हल निकलता है। इस तरफ सबकी नजरें लगी हैं।