10 करोड़ रुपए की निधि मजूर फिर भी निर्माण अधर में भंडारा.
चक्काजाम आंदोलन के बाद सड़क के लिए मंजूर हुई निधि के बावजूद नागरिकों को दो फीट गहरे गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है। मामला जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले भंडारा- खड़की मार्ग पर खड़की से ढ़ीवरवाड़ा की बीच की सड़क का है। इस सड़क के निर्माण के लिए दो साल पहले पूर्व सरपंच धामदेव वनवे ने नागरिकों की मदद से दो बार चक्काजाम किया था। उस समय सरकार ने 10 करोड़ की निधि मंजूर की थी, किंतु मोहाड़ी में राज्य लोक निर्माण विभाग ने भंडारा उप-विभाग से इस सड़क का ठेका छीन लिया। डेढ़ साल पहले सड़क का निर्माण धीरे-धीरे शुरू हुआ था। अब तक सड़क का केवल 25 प्रतिशत हिस्सा ही पूरा हुआ है। अब ठेका छीन लिए जाने से निधि मंजूर होने के बावजूद नागरिकों को गड्ढों भरी राह से हिचकोले
खाते हुए गुजरना पड़ रहा है। निधि मंजूर होने के बाद खड़की से ढीवरवाड़ा सड़क का निर्माण राज्य लोक
निर्माणकार्य की गुणवत्ता पर सवाल निर्माण की घटिया गुणवत्ता के कारण कम समय में सड़क बनाने वाले ठेकेदार पर नागरिकों ने घटिया सामग्री
का उपयोग करने के आरोप लगाए हैं। जल्दबाजी में किए गए काम के कारण इस वर्ष बारिश के कारण निर्माण पूरा होने से पहले ही गड्डे पड़ने लगे। गड्डों में जमा पानी ने निर्माण कार्य में बाधा डाली। गड्डों का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, इसलिए इस मार्ग से आवागमन खतरनाक हो गया है। इससे दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है।
निर्माण उप-विभाग, मोहाड़ी द्वारा डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू किया गया। हालांकि, निर्माण विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत कहें
या और कुछ, सड़क का काम धीमी गति से चल रहा रहा है। मानसून के मौसम से निर्माण बंद है। लाखों रुपए की लागत
मरम्मत में भी जल्दबाजी
गड्डों की मरम्मत में भी जल्दबाजी में की जा रही है। इसके अलावा, विभाग ट्रक से गड्डों को भरने का कारनामा कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले पर तुरंत ध्यान देने की मांग नागरिक कर रहे हैं।
15 दिन बाद करेंगे आंदोलन
खड़की से दीवरवाड़ा सड़क के निर्माण में राज्य निर्माण विभाग लापरवाही बरत रहा है। डेढ़ साल बाद भी निर्माण अधूरा है। यदि वरिष्ठों ने ध्यान नहीं दिया, तो 15 दिनों के बाद एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
धामदेव वनवे,
पूर्व सरपंच, ढ़ीवरवाड़ा
से बनी सड़क, सड़क पर भारी यातायात और भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। घटिया निर्माण का खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क पर दो फीट तक गहरे गड्ढे हैं। इससे वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को परेशानी बढ़ गई है। दुर्घटनाओं का खतरा है और यातायात की गति धीमी हो गई है।
