मुंबई: मैदानी अंपायरों ने परंपरा से हटकर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सत्र के दौरान बल्लेबाजों को अनुचित लाभलेने से रोकने के लिए मैदान पर ही बल्ले के आकार की जांच करना शुरू कर दिया है. बल्ले के आकार की जांच करना एक प्रचलित तरीका है, लेकिन पिछली बार तक इस प्रक्रिया का पालन ड्रेसिंग रूम के अंदर ही किया जाता था. बीसीसीआई ने हालांकि पावर-हिटिंग के इस जमाने में अधिक सतर्क रहने के लिए मैच अधिकारियों को जरूरत पड़ने पर मैदान पर ही बल्ले की किसी भी तरह से जांच करने की अनुमति दी है.
अंपायरों के पास रहती है बैट गेज: अंपायर बल्ले के आकार का जांच करने के लिए एक उपकरण ‘बैट गेज’ को अपने पास रखते हैं. स्वीकार्य माना जाता है. इसके पहले ड्रेसिंग रूम के अंदर पारी शुरू होने से पहले बल्ले की जांच होती रही है, जहां वह अपना बल्ला सौंप देते हैं और जांच हो जाती है. अब सवाल यह है कि क्या किसी खिलाड़ी ने जांच के लिए एक बल्ला दिया और मैदान पर दूसरे का इस्तेमाल किया, तब क्या होगा ? गौरतलब है कि खिलाड़ी हमेशा कई बल्ले रखते हैं. बल्ले का वजन अलग अलग हो सकता है, लेकिन उसकी लंबाई, चौड़ाई (बल्ले का अगला हिस्सा), गहराई (बल्ले का बीच का हिस्सा) और किनारे की चौड़ाई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा निर्धारित सीमा के होने चाहिए.’