मुंबई ; महाराष्ट्र विस चुनाव 2024 में ऐतिहासिक बहुमत मिलने के बाद भी बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां (अजीत पवार) के गठबंधन वाली महायुति सरकार के घटक दलों के बीच रोज नया झगड़ा देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति सरकार में खासकर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नाराजगी सत्ता के बंटवारे से लेकर बजट में निधि के आवंटन तक लगातार जारी है. यह सोमवार को भारत रत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती के अवसर पर एक बार फिर से देखने को मिला. इस दौरान दादर स्थित चैत्य भूमि पर सरकार की ओर से अभिवादन सभा का आयोजन किया गया था. इस मौके पर राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, सीएम फडणवीस, उपमुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत सहित राज्य के कई मंत्री, विधायक एवं अन्य नेतागण चैत्य भूमि पहुंचे थे.. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, बाबासाहब की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं दोनों उप मुख्यमंत्री मंच पर पहुंच गए. राजशिष्टाचार के अनुसार, दोनों उप मुख्यमंत्रियों के भाषण के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस का भाषण होना चाहिए था और उसके बाद राज्यपाल का भाषण होना चाहिए था.रायगढ़ की हुई पुनरावृत्ति दावा किया जा रहा है कि चैत्यभूमि के लिए छपवाई गई निमंत्रण पत्रिका में शिंदे एवं अजीत पवार के भाषण का समय दर्ज था लेकिन कार्यक्रम के दौरान शिंदे व अजीत को मौका नहीं दिया गया. शिंदे ने इस बारे में सवाल पूछा तो एक अधिकारी ने उन्हें सवाल के साथ जवाब दिया. अधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम में बदलाव किया गया था. क्या इसकी जानकारी आपको नहीं दी गई थी? उक्त अधिकारी ने डीसीएम शिंदे को कार्यक्रम की जो नई सूची दिखाई उसमें रायगढ़ की तर्ज पर अजीत और शिंदे का नाम शामिल नहीं था. यह जानकारी मिलने के बाद पहले शिंदे कार्यक्रम स्थल से निकल गए बाद में अजीत भी वहां से चले गए.