भंडारा: महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु शासन स्तर पर विभिन्न योजनाएं व उपक्रम बलाए जा रहे हैं. इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को बचत गटों से जोड़ते हुए उन्हें आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसी दिशा में महिलाओं को आत्म सम्मान के साथ जीवन जीना चाहिए, अपने अंदर के कला कौशल को पहचानकर आगे आना चाहिए, ऐसा प्रेरणादायक विचार सहायक धर्मादाय आयुक्त कार्यालय की अधीक्षक नीलमा मालीदे ने व्यक्त किया. यह मार्गदर्शन उन्होंने महाराष्ट्र शासन के 100 दिन के कार्य आराखड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत गरीब व जरूरतमंद महिलाओं को साड़ी व लुगडे वितरण कार्यक्रम के दौरान किया. कार्यक्रम सार्वजनिक न्यास नोंदणी कार्यालय, भंडारा के मार्गदर्शन में शीतला माता देवस्थान, तुलनाभवानी देवस्थान, अंबाई-निबाई देवस्थान और अन्नपूर्णा देवस्थान समिति द्वारा आयोजित किया गया था. कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक धर्मादाय आयुक्त कार्यालय की अधीक्षक नीलमा मालोदे ने की. प्रमुख अतिथि सुपरिंटेंडेंट छापा भुसारी, निरीक्षक कीर्ति दुरुगकर, शीतला माता मंदिर के अध्यक्ष ईश्वरलाल काबरा, कोषाध्यक्ष धनराज धुर्वे, सामाजिक कार्यकर्ता मंगला कोल्हे, विलास केजरकर, किशोर वाघमारे तथा चारों देवस्थान समितियों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे. इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों ने महिलाओं को प्रेरणास्पद उदाहरणों के माध्यम से नवरात्र उत्सव, मां दुर्गा के विभिन्न स्वयों और महिलाओं को भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि, हर महिला में दुर्गा जैसी शक्ति होती है, आयश्यकता है तो केवल उसे पहचानने की
भजन-कीर्तन का हुआ आयोजन: कार्यक्रम में मजन-कीर्तन प्रस्तुत किया गए. कार्यक्रम के अंत में शहर की गरीब, बेसहारा व जस्नतमंद 500 से अधिक महिलाओं को साठी लुगडे और ताक वितरित किया गया. चैत्र नवरात्रि थे। इस अवसर पर माता का प्रस्कद पाकर महिलाओं के चेहरे खुशी से खिल उठे. प्रस्तावना धाया भुसारी, संपालन भावना शेलके एवं आभार विलास वेन्नरकर ने माना, कार्यक्रम को सफल बनाने में सारिका मोरे, भावना ढगे, शीताल कोल्हे, वंदना माडगे, अमृता तथा सभी देवस्थान समितियों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा