दिल्ली- भारतीय रिजर्व बैंक ने 100 और 200 रुपए के नोटों को लेकर अहम जानकारी साझा की है. जल्द ही बाजार में इन मूल्यों के नए नोट जारी किए जाएंगे, हालांकि इनके डिजाइन में कोई बदलाव नहीं होगा. आरबीआई ने बताया कि इन नए नोटों पर गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे. यह प्रक्रिया हर नए गवर्नर की नियुक्ति के बाद की जाती है, जिसमें उनके हस्ताक्षर वाले नोट जारी किए जाते हैं. पुराने 100 और 200 रुपए के नोट पहले की तरह वैध रहेंगे और उन्हें बदलने की जरूरत नहीं होगी. आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ये नए नोट जल्द ही बैंकों और एटीएम में उपलब्ध होंगे. इसके अलावा, यह भी देखा जा रहा है कि देश में किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नकदी का उपयोग किया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2,000 रुपए के नोट बंद होने के बावजूद देश में नकदी का प्रचलन पहले से ज्यादा बढ़ा है. आंकड़ों के अनुसार मार्च 2017 में कैश सर्कुलेशन 13.35 लाख करोड़ रुपए था, जो मार्च 2024 तक बढ़कर 35.15 लाख करोड़ रुपए हो गया.
भारत में कैश का इस्तेमाल बढ़ा या घटा?
रिपोर्ट के मुताबिक 2000 रुपये के नोट बंद होने के बावजूद भारत में नकद लेन-देन कम नहीं हुआ बल्कि और बढ़ गया है। आंकड़ों के अनुसार:
➤ मार्च 2017 में देश में कुल कैश सर्कुलेशन 13.35 लाख करोड़ रुपये था।
➤ मार्च 2024 तक यह बढ़कर 35.15 लाख करोड़ रुपये हो गया।

वहीं डिजिटल पेमेंट भी तेजी से बढ़ रहा है
➤ मार्च 2020 में UPI ट्रांजैक्शन 2.06 लाख करोड़ रुपये का था।
➤ फरवरी 2024 तक यह बढ़कर 18.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
➤ पूरे साल 2024 में डिजिटल ट्रांजैक्शन 172 बिलियन का हुआ।

किन राज्यों में सबसे ज्यादा कैश निकाला जाता है?
रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान ATM से सबसे ज्यादा पैसा निकाला गया। त्योहारों और चुनावों के समय कैश की मांग बढ़ जाती है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा सीमित होने के कारण लोग वहां नकद लेन-देन को अधिक प्राथमिकता देते हैं। फिलहाल RBI द्वारा नए 100 और 200 रुपये के नोट जारी करने से कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा क्योंकि पुराने नोट भी मान्य रहेंगे। साथ ही डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते चलन के बावजूद कैश का इस्तेमाल अब भी भारत में बड़े पैमाने पर हो रहा है।