मुंबई : महायुति सरकार में कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे चौतरफा मुसीबतों से घिरे हुए हैं. अब उन्होंने बांद्रा फैमिली कोर्ट के उस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी है, जिसके मुताबिक उन्हें पहली पत्नी करुणा मुंडे को हर महीने 2 लाख रुपये का गुजारा भत्ता देने का आदेश सुनाया गया है. मुंडे ने अपनी याचिका में कहा है कि जब उनकी करुणा मुंडे से कभी शादी नहीं हुई तो फिर गुजारा भत्ता कैसे दिया जा सकता है. करुणा का दावा है कि वह मुंडे की पहली पत्नी हैं जबकि मुंडे की तरफ से अधिवक्ता सयाली सावंत ने दायर याचिका में कहा कि बांद्रा फैमिली कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने अपने विवेक का उपयोग नहीं किया और अंतरिम भरण-पोषण देने का मनमाना आदेश पारित कर दिया. मुंडे का दावा है कि एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान उनका परिचय करुणा शर्मा से हुआ था और फिर बाद में लगातार बातचीत होने से एक व्यक्तिगत संबंध बन गया. इसके बाद दोनों ने आपसी सहमति से इस रिश्ते को आगे बढ़ाने का फैसला किया था. सेशन कोर्ट ने मामले की सुनवाई 21 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी और उन्हें अगली तारीख से पहले जवाब की एक प्रति पेश करने का निर्देश दिया है.
कुर्सी बचाने ‘कोर्ट’ में मुंडे

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