चंडीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को तीन दशक पुरानी पेंशन लाभयोजना के क्रियान्वयन के संबंध में बार-बार समय बर्बाद करने और अदालतों को दिए गए वचनों से मुकरने के लिए फटकार लगाई है. कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब के मुख्य सचिव और उप निदेशक, निदेशक लोक शिक्षण कार्यालय (कॉलेज) को 5 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति अभय एस ओक और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि योजना को लागू करने के लिए (पंजाब और हरियाणा) उच्च न्यायालय को दो से अधिक बार वचन देने के बाद भी राज्य सरकार ने बहुत समय बर्बाद किया. यह फटकार रजनीश कुमार और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा पंजाब निजी तौर पर प्रबंधित संबद्ध और पंजाब सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज पेंशन लाभयोजना, 1996 के गैर-कार्यान्वयन के संबंध में दायर याचिका पर लगाई गई. यह योजना 18 दिसंबर, 1996 को एक ज्ञापन के माध्यम से प्रसारित की गई थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया.